बहुत दीनो से सोच रहे थे की कुछ लिखेंगे हम,
पर इसी सोच में रह गये
की क्या लिखे हम,
की क्या लिखे हम!!
कभी ये सोचा कभी वो सोचा!
कभी ये सोचा कभी वो सोचा !
बहुत सोचा हरदम,
पर सोचते सोचते फिर इसी सोच में रह गये
की क्या लिखे हम!!
बहुत दीनो से कुछ नही लिखा
तो दिल ने कहा की कुछ लिखो,
इस दिल की चाह को पूरा करने की सोच में
फिर सोचते रह गये हम!!
हम ने लिखना शुरू किया
ये सोचके की इसे पूरा करेंगे खतम!
इसी दौरान हमें एहसास हुआ
की हमारे विचार पड़ गये हैं कम!!
इसी कमी को दूर करने के लिए
फिर सोच में डूब गये हम,
फिर भी विचार नही आ पाए
इसी बात का हमें हैं गम!!
इसी गम को मिटाने के खातिर
आख़िर हम ने सेवन कर ही लिया कुदरत का बनाया हुआ
एक बॉटल रम!!
रम के सेवन के तुरंत पश्चात
मानो जैसे हमारे सोच को मिल गया है दम!
इसी दम के चलते, सोच में फिर उलझ गये हम
और उलझते उलझते, फिर इसी सोच में रह गये हम,
की आख़िर क्या लिखे हम,
क्या लिखे हम!!
Lovely :)
ReplyDeleteWaah Murty ji u r awesome
ReplyDeleteBro, epic hai. This is the best one ever. Loved it to the core. Take a bow. Poora Vella post but killer
ReplyDeleteAmazing Bhai..👌🏻👌🏻seems after a long time..alfazoon ne Kalam ka rukh apnaya..
ReplyDeleteAwesome, especially the way it ended
ReplyDeleteWow🥰
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